शनिवार, 31 मई 2014

बुजुर्ग लीडर बनाए जाएंगे राज्यपाल

पटवा, जोशी,वर्मा और सारंग का हो सकता है कि पुर्नवास
कांग्रेस नेतृत्व की कृपा के कारण राजभवन में पदस्थ आधा दर्जन से ज्यादा राज्यपालों को जाना पड़ सकता है। उनके स्थान पर भाजपा के कुछ बुजुर्ग नेताओं के साथ-साथ पुराने नौकरशाहों को जगह मिल सकती है। ऐसे मोदी लहर में किनारे कर दिए गए कई बुजुर्ग नेताओं को भी अपनी सरकार बनने का फायदा मिलने की उम्मीद है। इसमें मप्र के दो पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी और सुन्दरलाल पटवा का नाम सबसे ऊपर है इनके अलावा कैलाश सारंग,विक्रम वर्मा और लक्ष्मीनारायण पांडे का नाम चर्चा में है। वहीं अन्य राज्यों से कल्याण सिंह, विजय कुमार मल्होत्रा, यशवंत सिन्हा, लालजी टंडन समेत कई अन्य नेता शामिल हो सकते हैं। सरकार में परिवर्तन के साथ यूं तो अलग-अलग राज्यों के राजभवन में भी बदलाव होता रहा है। इस बार भी कई राज्यपाल पहले से ही इस्तीफा देने की तैयारी में हैं। ऐसे में केंद्र सरकार के लिए उन्हें हटाने की जहमत नहीं उठानी होगी। खबर है कि लगभग आठ राज्यपाल जल्द ही बदले जा सकते हैं। जिन राज्यों के राज्यपाल बदले जाएंगे पार्टी वहां अपने नेताओं को एडजस्ट करेगी। सूत्रों की मानी जाए तो भाजपा के कुछ बुजुर्ग नेता राज्यसभा में जाने का मन बनाए हुए हैं। जहां तक मप्र का सवाल है तो यहां इस बार एक ही सीट खाली है। और उसके लिए दर्जन भर नेता लॉबिंग कर रहे हैं। इसलिए पार्टी बुजुर्ग नेताओं को राज्यपाल बनाकर उनको सम्मान देना चाहती है। सूत्रों के अनुसार कर्नाटक के राज्यपाल हंसराज भारद्वाज, केरल में नवनियुक्त शीला दीक्षित, राजस्थान में लंबे समय से पदस्थ मार्गेट अल्वा और उत्तराखंड के अजीज कुरैशी ने तो कांग्रेस आलाकमान से पहले ही पद से हटने की इच्छा जता दी है। यूं तो इस्तीफा राष्ट्रपति को भेजा जाता है, बताते हैं कि इन राज्यपालों ने कांग्रेस नेतृत्व से इस बाबत बात की है। माना जा रहा है कि इनके अलावा बिहार, पंजाब, त्रिपुरा, मध्य प्रदेश, गुजरात में भी बदलाव हो सकता है। गौरतलब है कि शीला दीक्षित को हाल ही में दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद केरल में राज्यपाल नियुक्त किया गया था। भाजपा की ओर से आरोप लगता रहा है कि कामनवेल्थ घोटाला मामले में शीला को जांच से बचाने के लिए ही उन्हें राज्यपाल बनाया गया था। हंसराज भारद्वाज की भाजपा की पुरानी राज्य सरकार से ठनी रहा करती थी। उनकी शिकायत भाजपा राष्ट्रपति तक से कर चुकी थी। पंजाब के राज्यपाल शिवराज पाटिल ने गृहमंत्री रहते एक साथ चार राज्यपालों को इस आरोप के साथ हटाया था कि वह संघ की विचारधारा से प्रेरित हैं। गुजरात में कमला बेनीवाल और खुद मोदी सरकार के बीच कई विवाद रहे हैं। भाजपा इन राज्यपालों के कामकाज और दखलअंदाजी को लेकर सवाल उठाती रही है। अब बदलाव की तैयारी है। शुरुआत में करीब आठ राज्यपाल बदले जाएंगे। सूत्रों की मानी जाए तो भाजपा के दिग्गज व वरिष्ठ नेता कल्याण सिंह, मल्होत्रा, टंडन समेत, हिमाचल प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं में से किसी एक को राज्यपाल बनाने की बात हो रही है। वैसे कल्याण का मन राज्यसभा में आने का है। अगर ऐसा नहीं हुआ तो वह राजभवन जाएंगे। उत्तर प्रदेश से ही आने वाले भाजपा के केंद्रीय स्तर के एक वरिष्ठ नेता को भी राज्यपाल बनाए जाने का संकेत है। अगर ऐसा होता है तो टंडन का नाम रुक सकता है। इसके अलावा पुराने नौकरशाहों व पुलिस अधिकारियों के भी नाम खंगाले जा रहे हैं। उन्हें उनके कद के मुताबिक राज्य दिए जाएंगे।

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