शनिवार, 2 जुलाई 2016

सूखे से देश को 6,50,000 करोड़ का नुकसान

देश के 10 राज्यों में पड़े सूखे की वजह से अर्थव्यवस्था को करीब 6,50,000 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है। एसोचैम की तरफ से जारी रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक देश के 256 जिलों में करीब 33 करोड़ की आबादी सूखे की चपेट में है। लगातार खराब मॉनसून, जलाशयों में कम होते पानी और भूजल के गिरते स्तर की वजह से सूखा प्रभावित इलाकों में जीवन यापन को लेकर गंभीर समस्या पैदा हो गई है। बुंदेलखंड में जल संकट की समस्या गंभीर हो गई है। बुंदेलखंड में उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के 13 जिले सर्वाधिक सूखा प्रभावित क्षेत्र में आते हैं। बुंदेलखंड की भयावह स्थिति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यहां पिछले कई सालों से सूखा पड़ा हुआ है। किसानों के बीच काम करने वाली संस्था स्वराज अभियान के मुताबिक केंद्र और राज्य सरकारें इन इलाकों में स्थिति सुधार के लिए कोई काम नहीं कर रही है। सुप्रीम कोर्ट में हाल में ही केंद्र द्वारा दाखिल हलफनामे के अनुसार 10 राज्यों ने खुद को सूखाग्रस्त घोषित किया है जिनमें 2.50 लाख गांव आते हैं। भारत में करीब 6 लाख गांव हैं यानी 40 फीसदी गांव सूखे की मार झेल रहे हैं। कर्नाटक, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, ओडिशा और झारखंड के 90 फीसदी जिले सूखा प्रभावित हैं। इसके अलावा भारत के सबसे बड़े प्रदेश राजस्थान के 57 फीसदी, आंध्र प्रदेश के 76 फीसदी और सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश के 75 फीसदी जिले सूखाग्रस्त हैं। सूखे के कारण मध्य प्रदेश के 51 में से 46 जिले प्रभावित हुए है। इन जिलों के करीब 42,829 गांवों 4,00,00,000 आबादी प्रभावित हुई है। वहीं उत्तर प्रदेश 50 जिलों के 72,014 प्रभावित हुए हैं। जहां की 9,88,54,225 आबादी सूखे से हालाकान है। महाराष्ट्र के 21 जिले सूखे से प्रभावित हैं और 15,747 गांवों में इसका सबसे अधिक असर देखा जा रहा है। यहां की 3,68,77,505 आबादी पर सूखा का असर पड़ा है। इसी तरह झारखण्ड के सूखा प्रभावित 22 जिलों के 29,639 गांवों की 3,17,28,726 जनसंख्या सूखे से बेहाल है। कर्नाटक के 27 जिले सूखे की चपेट में हैं और यहां के 22,759 गांवों के 3,11,91,173 लोग प्रभावित हैं। आंध्र प्रदेश के 10 जिलों के 6,974 गांवों की 2,35,37,861 आबादी सूखे की चपेट में है। वहीं छत्तीसगढ़ के 25 जिलों के 16878 गांवों पर सूखे का असर है और 1,99,45,901 लोग प्रभावित हैं। राजस्थान के 9 जिले सूखे से प्रभावित हैं और 14487 गांवों की 1,94,69,000 जनसंख्या सूखे की चपेट में है। वहीं तेलंगाना के 7 जिलों के 5519 गांव के 1,78,33,289 लोग प्रभावित हैं। जबकि ओडिशा के 27 जिलों के 29077 गांवों की 1,67,51,862 आबादी इससे प्रभावित है। यानी देश का एक बड़ा भाग सूखे से जुझ रहा है। 40 फीसदी एक हैंडपंप पर निर्भर संगठन के सर्वेक्षण में यह बात सामने आई थी कि मध्य प्रदेश के करीब 40 फीसदी गांव एक या दो हैंडपंप पर निर्भर हैं। वहीं उत्तर प्रदेश में ऐसे गांवों की आबादी करीब 14 फीसदी है। सर्वेक्षण में यह बात सामने आई थी इन इलाकों में भुखमरी का खतरा मंडरा रहा है। रिपोर्ट बताती है कि सूखे की वजह से कृषि कर्ज में बढ़ोतरी होगी और बच्चों एवं महिलाओं पर भी उल्टा असर पड़ेगा। इसके साथ ही आने वाले दिनों में महंगाई में भी बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। सूखेे की वजह से आने वाले दिनों में पानी की समस्या और अधिक गहराने का अनुमान है और इससे अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। भारत की करीब एक चौथाई आबादी पानी की कमी का सामना कर रही है। विश्व बैंक के नए अध्ययन के मुताबिक पानी की कमी और जलवायु परिवर्तन के कारण भारत की जीडीपी को 2050 तक 6 फीसदी का नुकसान उठाना पड़ सकता है। विश्व बैंक के अध्ययन के मुताबिक 2050 तक भारत की जीडीपी को 6 फीसदी का नुकसान हो सकता है।

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